कोरोना वायरस ने पिछले दो महीने में दुनियाभर की इंडस्ट्रीज और कई सेक्टर पर ब्रेक लगा दिया. आज ट्रांसपोर्टेशन से लेकर एविएशन तक सब कुछ बंद है. बड़े-बड़े दफ्तरों पर ताले लग चुके हैं. लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसका ताजा उदाहरण क्रूड ऑयल के दामों में ऐतिहासिक गिरावट है. कई दशकों के बाद दुनिया ने क्रूड ऑयल में ऐसी गिरावट को देखा.
अमेरिकी की आयल मार्केट्स ने 20 अप्रैल 2020 को जो देखा वो शायद पहले कभी नहीं देखा गया था. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) को दुनिया का सबसे अच्छी क्वालिटी का क्रूड ऑयल माना जाता है. सोमवार को इस कच्चे तेल की कीमतें न्यूयॉर्क में "माइनस" 40.32 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गईं. यानी जीरो के भी नीचे तेल की कीमत पहुंच चुकी है.
ऑयल मार्किट जो पहले ही से खस्ता हाल था उस में इस ऐतिहासिक गिरावट के पीछे सिर्फ कोरोना ही का हाथ नहीं है बल्कि एक और वजह है. अब वो वजह क्या है? आयल की कीमतों का शून्य से नीचे जाने का क्या मतलब है? इस गिरावट से ग्लोबल इकॉनमी पर क्या असर पड़ेगा? भारत इससे कैसे प्रभावित होगा और आगे कैसे इससे निपटा जाएगा इन्हीं सब सवालों के जवाब आज आपको इस पॉडकास्ट में मिलेंगे.