"एक हस्ती जो जान हैं मेरी, मेरे पापा जो पहचान हैं मेरी", कुछ ऐसे ही भाव लेकर हाजिर हैं एक और एपिसोड के साथ जिसमें एक पिता का छुपा हुआ संघर्ष, प्रेम, करुणा को बताने का प्रयास किया है। पिता के लिए प्रेम कभी जाहिर नहीं हो पाता, माँ को गले लगा लेते हैं, पिता को नहीं लगा पाते, उसी प्रेम को दिखाने का प्रयास किया गया हैं। आशा करते हैं आप खुद भी और अपने पापा को भी यह एपिसोड सुनाएंगे और उनका सम्मान करेंगे।
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