नव दुर्गा में प्रथम नाम है दुर्गा का 'शैलपुत्री'। माँ ज्योति स्वरूप हैं, ज्योतों वाली हैं, चैतन्य रुपी हैं और शैलपुत्री के नाम से आज के दिन उनकी आराधना करते हैं। ये सारा संसार ठोस दिखता है, इसमें जो छिपी हुई सूक्ष्म तरंग रुपी चैतन्य है वो शैल पुत्री है। हरेक व्यक्ति कभी न कभी अपने आप को धार्मिक महसूस किए है। जब भी हम कहते हैं, "मैं सही हूँ।" उस समय हमारी चेतना की स्थिति अलग होती है, उस स्थिति में ही माँ प्रकट होती है। जो शैल पुत्री है, जो दुर्गा है, करुणामयी है, सब इच्छाओं को पूरा करने वाली है, वो चेतना हमारी आत्म चेतना है, हमारे में है।
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