80 के दशक तक यहां पर करीब एक दर्जन सिनेमा हॉल चलाए जा रहे थे। लेकिन उनके मालिकों को लगातार आतंकियों की धमकियां मिलने लगी थीं। इसके चलते यह सभी बंद हो गए थे। हालांकि 90 के दशक में कुछ सिनेमाघरों को खोलने की कोशिशें की गई थीं, लेकिन आतंकवाद के चलते इस कोशिश में सफलता नहीं मिली थी।