सरकार ने एजीआर का अजीब फॉर्मूला बनाया है. किसी के पास टेलीकॉम लाइसेंस है तो उसे दूसरे कारोबार से जो कमाई हुई, उसे भी स्पेक्ट्रम चार्ज और लाइसेंस फी में जोड़ा गया और बड़ा बिल थमा दिया गया. लंबी कानूनी लड़ाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो कानून है उसके मुताबिक, बकाया के साथ पेनल्टी और ब्याज चुकाना होगा. टेलीकॉम कंपनियों की अपील नहीं सुनी गई. समय मांगा वो भी नहीं मिला.
जानिए द क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से कि कैसे टेलीकॉम कंपनियां इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं.
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