कार्बन एमिशन और बढ़ते प्रदूषण की वजह से पृथ्वी बेहद गर्म होती जा रही है. ग्लेशियर्स भी खतरनाक दर से पिघल रहे हैं. ग्रीनलैंड, स्विट्जरलैंड, किलिमंजारो, हिमालयी ग्लेशियर - हर जगह बर्फ पिघल रही है ये पिघलकर वाटर बॉडीज आकर बह रही है. ये बात तो हमेशा से सामने आती रही है कि पिघलता ग्लेशियर्स बड़ी तबाही मचा सकता है. नया रिसर्च भी इसी की तस्दीक करता है, इस रिसर्च के मुताबिक साल 2050 तक हालात ऐसे हो सकते हैं जिसकी आप अभी कल्पना भी नहीं कर सकते.
सी लेवल को लेकर जिस तबाही की आशंका पिछली स्टडीज जताई गई है, वो डैमेज इस स्टडी के हिसाब से अब तीन गुना अधिक आबादी को प्रभावित कर सकता है. ये रिसर्च न्यूजर्सी की एक साइंस एंड न्यूज आर्गेनाईजेशन ने की है जिसका नाम है 'क्लाइमेट सेंट्रल'. और इनकी ये रिसर्च 'नेचर कम्यूनिकेशंस' नाम के एक जर्नल में छपी है.
अब रिपोर्ट में भारत के लिए क्या है? भारत के लिए है तो सिर्फ खतरा और रेड फ्लैग यानी जो देश या क्षेत्र इस खतरे से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं उनमें से अपना देश एक है. अब ऐसा क्यों है, ये चेतावनी क्यों दी जा रही है और खतरा कितना बड़ा है? इसी पे आज बात करेंगे बिग स्टोरी पॉडकास्ट में.