बरसों तक काम करने वाले एक वफादार कर्मी पर उंगलियां उठी...फिर वो वापस अपने गाँव चला गया। अपने परिवार के साथ अपने बुढ़ापे के दिन आराम से काटते काटते अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उसने एक निर्णय लिया....गलत था या सही? किसके लिए गलत किसके लिए सही? सुनिए कहानी वंशज दान...गुरुदेव रवीन्द्रनाथ के कल्म से निकली एक अनोखी कहानी.....