चार दिनों में सिर्फ़ एक दिन अपना पक्ष प्रबल पाकर दुर्योधन ने भीष्म से इसका कारण जानना चाहा तब भीष्म ने दुर्योधन को नर और नारायण की कथा सुनाई और वचन दिया कि पाँचवें दिन कौरव सेना का पक्ष प्रबल साबित होगा। दोनों पक्षों ने पाँचवें दिन के लिए नई व्यूह रचनाओं का प्रयोग किया जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में भीषण नरसंहार हुआ।