पिछले साल सीएए विरोधी प्रदर्शनों के लिए कई हफ्तों तक चर्चा में रही जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी अब एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं. लेकिन इस बार कैंपस में फायरिंग, आगजनी, पुलिस का एक्शन नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी की अपनी पहचान सामने आई है. केंद्रीय यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में जामिया पहले नंबर पर आई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी की गई रैंकिंग में जामिया को 90% स्कोर के साथ रैंकिंग में पहला पोजिशन मिली है. इसके साथ ही जेएनयू को तीसरी रैंकिंग और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को चौथा रैंक मिला है.
अब चर्चा ये है कि आखिर जिस जामिया को लेकर सीएए प्रदर्शनों के दौरान कई सवाल खड़े हो रहे थे और जिसे राजनीति का एक अड्डा बताया जा रहा था उसे सभी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज में पहला स्थान कैसे मिल गया? इस सवाल का जवाब यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र ही दे सकते हैं. आज इस पॉडकास्ट में आप जामिया के कुछ ऐसे ही छात्रों को सुनेंगे, जिनके लिए गोलीबारी, पुलिस की लाठियों के अलावा जब सरकार की तरफ से मिलने वाली नई पहचान की चमक ही कुछ और है.