मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस के लिए राजस्थान के आसमान में काले घने बादल छाने लगे, ऐसा लगा कि अब जो आंधी आएगी वो गहलोत सरकार को गिराकर ही शांत होगी. राजस्थान से लेकर दिल्ली तक हलचल देखी गई. लेकिन अब मौजूदा समीकरण देखकर लगता है कि गहलोत ने साबित कर दिया कि वो इस खेल के पुराने खिलाड़ी हैं. सचिन पायलट की तरफ से 30 विधायकों के समर्थन वाले दावे के बाद सोमवार को राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई. गहलोत के घर पर हुई इस बैठक में 107 विधायकों के शामिल होने की बात कही गई. यानी बहुमत के आंकड़े से काफी आगे.