जब लॉकडाउन के दौरान एक खास समुदाय के लोगों के बारे में फेक न्यूज़ का बाजार तूल पकड़ ले. और जब कोरोना महामारी फैलाने के लिए मीडिया से लेकर सियासी दलों तक सब एक जमात के पीछे पड़े हुए हों तो ऐसे वक्त पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस से एक ट्वीट आता है.
#COVID19 जाति, धर्म, रंग, जाति, पंथ, भाषा या सीमाओं को नहीं देखता। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे को प्रधानता दी जानी चाहिए। इस परिस्थिति में हम एक साथ हैं: पीएम @नरेंद्र मोदी
ये ट्वीट संकट के वक्त भाईचारे के संदेश जैसा लगता है. लेकिन प्रधानमंत्री ऑफिस के ट्वीटर हैंडल से दिए गए इस संदेश का क्या मतलब है? आज पॉडकास्ट में इसी के बारे में बात करेंगे क्विंट के पॉलिटिकल एडिटर आदित्य मेनन से. साथ ही पड़ताल करेंगे कोरोनावायरस से जुडी फेक न्यूज की जो महामारी के इस दौर में एक ही समुदाय के लोगों पर ध्यान अंकित करती दिख रही है.
#COVID19 जाति, धर्म, रंग, जाति, पंथ, भाषा या सीमाओं को नहीं देखता। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे को प्रधानता दी जानी चाहिए। इस परिस्थिति में हम एक साथ हैं: पीएम @नरेंद्र मोदी
ये ट्वीट संकट के वक्त भाईचारे के संदेश जैसा लगता है. लेकिन प्रधानमंत्री ऑफिस के ट्वीटर हैंडल से दिए गए इस संदेश का क्या मतलब है? आज पॉडकास्ट में इसी के बारे में बात करेंगे क्विंट के पॉलिटिकल एडिटर आदित्य मेनन से. साथ ही पड़ताल करेंगे कोरोनावायरस से जुडी फेक न्यूज की जो महामारी के इस दौर में एक ही समुदाय के लोगों पर ध्यान अंकित करती दिख रही है.