30 जनवरी ही के दिन एक नाबालिग़ लड़का बन्दूक लहराते हुए आया और उस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को बन्दूक दिखा के डराया। कई रिपोर्ट के अनुसार तभी जामिया का एक छात्र शादाब उस शख्स की तरफ ये कहते बढ़ा कि 'आओ बात करते हैं'. लेकिन तभी उस शख्स ने जय श्री राम के नारे लगाते लगाते गोली चला दी जो जाकर शादाब के हाथ पर लगी.
दूसरा फायरिंग का केस हुआ पहली फेब्रुअरी को जब दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता कानून (CAA Protests) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के पास एक शख्स ने फायरिंग की. फायरिंग के समय वह भी 'जय श्रीराम' के नारे लगा रहा था. उस ने हवा में गोली दाग़ी थी इसीलिए किसी को नहीं लगी.
इसके अगले ही दिन एक और फायरिंग जामिया में फिर हुई.
इस पॉडकास्ट में जानेंगे पूर्व DGP उत्तर प्रदेश विक्रम सिंह से कि क्या फायरिंग के इन केसेस की वजह से दिल्ली पुलिस की कमियां सामने आ गई हैं? क्या अमेरिका और यूपी के बाद अब दिल्ली में भी गन कल्चर की शुरुआत हो चुकी है? सुनिए.
सुपरवाइसिंग एडिटर: संतोष कुमार
सुपरवाइसिंग एडिटर: संतोष कुमार