आरोग्य सेतु जो एक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप है उसे सरकार ने कोरोना वायरस महामारी पर लगाम कसने के लिए बनाया है. जिस तरह के डेटा की ज़रुरत आरोग्य सेतु एप्प को होती है, वो है आप कीलोकेशन, ब्लू टूथ डेटा, आपके कॉन्टैक्ट्स, आप कहां कहां गए, क्या क्या किया।
इस तरह की प्राइवेट इनफार्मेशन इस्तेमाल करके काम करने वाली इस एप्प को ग्रह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे सभी लोगों को डॉउनलोड करना होगा. उन गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारियों को भी यह ऐप डॉउनलोड करनी होगी. और इस का पालन ना करने पर सख्त कार्रवाई भी की जायगी.
सरकार के इस कदम पर राइट टू प्राइवेसी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या आरोग्य सेतु एप्प कांटेक्ट ट्रेसिंग टूल के बहाने सर्विलांस टूल है? आखिर प्राइवेसी को इससे क्या खतरा हो सकता है ? और क्या सरकार इसे कानूनन अनिवार्य बना सकती है? इन्ही सभी जवाबो के सवाल समझेंगे आज इस पॉडकास्ट में.
इस तरह की प्राइवेट इनफार्मेशन इस्तेमाल करके काम करने वाली इस एप्प को ग्रह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे सभी लोगों को डॉउनलोड करना होगा. उन गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारियों को भी यह ऐप डॉउनलोड करनी होगी. और इस का पालन ना करने पर सख्त कार्रवाई भी की जायगी.
सरकार के इस कदम पर राइट टू प्राइवेसी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या आरोग्य सेतु एप्प कांटेक्ट ट्रेसिंग टूल के बहाने सर्विलांस टूल है? आखिर प्राइवेसी को इससे क्या खतरा हो सकता है ? और क्या सरकार इसे कानूनन अनिवार्य बना सकती है? इन्ही सभी जवाबो के सवाल समझेंगे आज इस पॉडकास्ट में.